GiveAway Of The Month
Home / Books / ILU by Kamal Upadhyay | Book Review Published In Voice Of Jaipur

ILU by Kamal Upadhyay | Book Review Published In Voice Of Jaipur

The Year 2019 has already said “adios” to all of us. But, it surely was an inseparable part of our lives. It brought some fantastic memories to us, and we are sure that it was the same case for you all as well.

It was not possible without the love of the readers and the trust of the book authors and publishers, of course. We are thankful to all of you.

Here we would like to share with you one interesting event of the year.

One of our book review article was published in a leading Hindi Newspaper – Voice Of Jaipur, and, we are cross-posting it here.

ILU by Kamal Upadhyay | Book Review Published In Voice Of Jaipur

ILU by Kamal Upadhyay | Book Review Published In Voice Of Jaipur

The Article in Text Format:

साहस ओर संघर्ष की कहानी है ईलू

कमल उपाध्याय की नई किताब ईलू
बच्चों के लिए है । इससे पहले जहाँ
लंकापति का लोकतंत्र आज के परिवेश
ओर राजनैतिक व्यस्था पर एक कटाक्ष
था, वहीं ईलू एक चिड़िया ओर उसके
साहस ओर संघर्ष की कहानी है। कमल
जिन्होंने अपने ब्लॉग से व्यंग्य ओर
कटाक्ष के बाण छोड़ने आरंभ किए थे वो
आजकल ब्लॉग पर सक्रीय नहीं हें,
जिसका दोष वो खुद को देते है लेकिन
साथ ही व्यस्तता का बहाना भी बना देते
हें।

ईलू का प्रकाशन सितंबर 2019 में
अमेजॉन किंडल फॉमेंट के लिए हुआ
है। कमल इस किताब के लिए अपनी
बेटी को प्रेरणा बताते हैं। चेतन अडलक
ने किताब के कवर पेज के साथ शत
प्रतिशत न्याय किया है। किताब का
कवर पेज कहानी के बारे में काफी कुछ
बता देता है।

किताब एक चिड़िया ईलू ओर उसके
पिता चीनो के इर्द गिर्द घूमती है। चीनो
अपनी बेटी ईलू से बहुत प्यार करता हे।
जिसने ईलू की माँ टीनू के लापता होने के
बाद उसे बहुत लाड प्यार से पाला हे।
पिता ओर बेटी के मधुर संबंधो में पिरोई
गई यही कहानी उस वक्‍त नया मोड़ ले
लेती है जब ईलू एक रात घर नहीं लोटती
ओर चीनो उसकी तलाश में निकल
जाता है। जिसमें आप कुछ ओर किरदार
जैसे की मार्लो, कपिलो, किट्टो ओर
पैरिटो से मिलते हैं। यदि इस किताब पर
कभी फिल्म बनी तो मार्लो का किरदार
सभी को बहुत गुदगुदाएगा।

यह किताब एक काल्पनिक कहानी हे
जो बच्चों के लिए लिखी गई है लेकिन
इस किताब में कई ऐसी सामजिक ओर
राजनैतिक विषयों पर व्यंग्य देखने
मिलता है, जिससे वयस्क पाठकों को
भी किताब पढ़ने में आनंद आएगा।
किताब में कई अन्य किरदारों के बीच में
सदी के महानायक अमिताभ बच्चन का
भी जिक्र है। किताब हमें यह सिखाती है
कि सकरात्मक सोच ओर आशावाद
अच्छी बात है लेकिन हमें अपनी
सीमाओं का भी पूरा ज्ञान होना चाहिए।

आत्मविश्वास अच्छा है ईलू लेकिन
अतिआत्मविश्वास हानि पहुँचा सकता
है. हमेशा याद रखो कि चैम्पियनशिप
सिर्फ जीतने के लिए नहीं, अपितु अपने
बल का सही अंदाज लगाने के लिए भी
होती है.

सरकारी तंत्र पर रुपये की दरकार पर सौ
रुपया खर्च करने पर कमल ने एक जगह
बढ़िया कटाक्ष लिखा हे।

मार्लो तुम एक पक्षी हो, तुम्हें पैराशूट की
क्या जरूरत?

मार्लो जमीन पर चीनो के सामने उतरा,
स्वयं को पैराशूट की रस्सियों से अलग
करते हुए, उसने कहा मैं रात को अपने
पंखो को तकलीफ नहीं देता हूँ.

अंततः सिर्फ यही लिखना होगा कि यह
किताब एक एडवेंचर कहानी हे। यह
किताब एक मासूम रिश्तों के भावनाओं का
दर्पण है। यह किताब समाज का आईना हे
ओर यह किताब आपकी ओर मेरी कहानी हे।
आप इस किताब को अमेजॉन पर खरीद
सकतें हैं.

Quick Links:

The original book review was published here:

You can read it on the official website of the newspaper at:

You can find its reference on the official blog of the author at:

Quick Book Purchase Links:

Over To You:

If you already have read the book do share your remarks and thoughts via comments below. Does this review help you in making your decision to buy or read the book? Do not forget to share this article with your friends over various social networks via Twitter, Facebook and others. And yes, you may like to subscribe to our RSS feeds and follow us on various Social networks to get latest updates for the site to land right in your mail box.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*